नई दिल्ली॥ अमेरिका और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने पहली बार एक प्रयोगशाला में मानव अंडे को विकसित करने में सफलता हासिल की है, जोकि अंडाशय के ऊतकों के शुरुआती चरणों से पूरी परिपक्वता तक पूरी तरह से विकसित होते हैं ।
हालांकि यह उपलब्धि पिछले अध्ययनों में, वैज्ञानिकों ने एक प्रयोगशाला में माउस अंडे का विकास कर के किया था, जहां वे जीवित संतानों का उत्पादन करते थे, और विकास के अपेक्षाकृत देर तक होने वाले मानव अंडों को भी परिपक्व करते थे। लेकिन इस प्रक्रिया सें मनुष्यों को मुश्किल का सामना करना पड़ा था।
ब्रिटेन और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को आणविक मानव प्रजनन पत्रिका में अपने परिणाम को प्रकाशित करते हुए, कहा कि यह एक ऐसा उपचार है जो एक दिन पुनर्योजी चिकित्सा उपचार और नए बांझपन उपचार विकसित करने में मदद कर सकता है।
वैज्ञानिकों द्वारा यह प्रयोगशाला ऐसा है जिससे पहली बार मानव अंडों को मानव शरीर के बाहर प्रारंभिक चरण से पूर्ण परिपक्वता तक विकसित किया गया है। साथ ही विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ये प्रयोगशाला केवल मानव अंडों के विकास में ही मदद नहीं कर करेगा, बल्कि समय से पहले प्रजनन क्षमता के जोखिम में महिलाओं के लिए भी सहायता प्रदान करेगा।
लंदन में इम्पीरियल कॉलेज के प्रोफेसर अली अबबर ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक यह भविष्य में संभवतः संभव होगा। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यह उपचार भविष्य में कैंसर के रोगियों की मदद में उनकी प्रजनन क्षमता को बनाए रखने में मदद करेगा, जबकि किमोथेरेपी उपचार के दौरान, प्रजनन उपचार में सुधार होगा, और मानव जीवन के शुरुआती चरणों के जीव विज्ञान की वैज्ञानिक समझ और बढ़ेगी।